केकड़ी के एएसपी रविन्द्र सिंह बने भाजपाई। कांग्रेसियों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन।
केकड़ी के एएसपी रविन्द्र सिंह बने भाजपाई। कांग्रेसियों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन। 17 जुलाई को अजमेर के कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि केकड़ी उपखंड के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविन्द्र सिंह भाजपा के मंडल अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने के लिए लोगों के झूठे बयान दर्ज किए गए है। जिला पुलिस अधीक्षक को दिए ज्ञापन में क्षेत्र के लोगों ने बताया कि वर्ष 2015 में सरवाड़ थाने के अंतर्गत आने वाले शौकलिया हनुमान मंदिर की भूमि के अतिक्रमण को लेकर जो मुकदमा दर्ज हुआ उससे सरकारी जांच में पवन नायक और उसके पिता सूरज कारण नायक को अतिक्रमणकारी माना गया। इस जांच के बाद ही पुलिस ने मुकदमे में एफआर प्रस्तुत कर दी। लेकिन दोबारा हुई जांच में एएसपी रविन्द्र सिंह के दखल से निर्दोष ग्रामीणों को आरोपी बना दिया गया। पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चौधरी को बताया गया कि रविन्द्र सिंह के दबाव में जिन 17 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, वह सभी उपस्थित हैं। इन सबका शपथपूर्वक कहना है कि पुलिस ने धारा 161 में जो बयान दर्ज किए, वह सही नहीं है। यानि पुलिस ने झूठे बयान दर्ज किए और अब इसी आधार पर रंगलाल, महेन्द्र सिंह, खाजू खां, अल्लाबक्श, ग्यारसमल माली, और श्यामलाल जांगिण के विरुद्ध अजमेर की एससीएसटी कोर्ट में चालान पेश किया जा रहा है। ग्रामीणों के प्रतिनिधि सरवाड़ पंचायत समिति के सदस्य एवं प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव #शक्ति_प्रताप_सिंह_राठौड़_पीपरोली ने कहा कि एएसपी रविन्द्र सिंह केकड़ी में भाजपा के मंडल अध्यक्ष की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केकड़ी के विधायक और संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बेवजह झूठे मुकदमों में फंसा रहे हैं। ज्ञापन देने वालों में कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के विवेक पाराशर, शहर कांग्रेस के महामंत्री शिव बंसल आदि भी शामिल थे। इन गवाहों ने पुलिस पर लगाया आरोपः गवाह गोर्वधन लाल मीणा, रामपाल बैरवा, देवीलाल शर्मा, पुष्कर लाल मीणा, गिरधारी लाल जांगिड़ (सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी), शिवलाल महावीर, रामधन, जगदीश पोलू, शिवराज, महावीर रामकिशन, नंदा, जोधा, सोनू तथा रत्न ने शपथ पत्र देकर आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी मर्जी से बयान लिख लिए। गवाहों के ऐसे शपथ पत्र संबंधित अदालत में भी प्रस्तुत किए गए हैं।


