top of page

सत्ता के शिखर पर उभरता एक सितारा: राजनीति की अग्नि परीक्षा में तप कर कुंदन बने “रघु शर्मा”


जो न झुके और न रुके, वही शख्स सफलता की इबारत बार-बार लिख सकता है। उतार-चढ़ाव तो जिंदगी का हिस्सा होते हैं, मुस्करा कर जिसने इसे स्वीकारा वहीं अपना नाम कर पाता है। यह सारी प्रतिभा राजनीतिक जीवन के शिखर तक पहुंचने वाले राजस्थान के चिकित्सा एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा में है। एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्में डॉ. रघु शर्मा ने छात्र जीवन से राजनीति के प्लेटफार्म तक बाधाएं पार कर अपना यह मुकाम हासिल किया है। उनका जीवन एक ऐसी खुली किताब है जिसे पढ़कर बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

प्रदेश के टॉप नीति निर्धारकों में नाम शुमार

आज उनकी पहचान केवल गहलोत सरकार में मंत्री तक सीमित नहीं है। उनका नाम प्रदेश के बड़े लीडर्स में शुमार है। वर्तमान में चल रहे कोरोना काल को देखे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद सबसे अहम भमिका में डॉ. रघु शर्मा ही रहे हैं। गहलोत सरकार में उनकी गिनती टॉप नीति निर्धारण वाले मंत्रियों में होती हैं। इसी के चलते सरकार की ओर से गठित मंत्रियों की उपसमितियों में डॉ. रघु शर्मा जी शामिल हैं। कांग्रेस की केन्द्रीय राजनीति से भी उनका जुड़ाव अन्य मंत्रियों से कहीं अधिक हैं। अजमेर लोकसभा उपचुनाव के बाद डॉ. रघु शर्मा की छवि केन्द्रीय स्तर पर उभरकर आई वह आज भी बरकारार हैं।


कोरोना प्रबंधन में भी मिली शाबाशी

चिकित्सा के क्षेत्र में जो कार्य ढाई वर्षों में हुए है उसकी क्रेडिट डॉ. रघु शर्मा के खाते में जाती हैं। कोरोना काल में राजस्थान के प्रबंधन को देशभर में सराहा गया। कैसे राजस्थान कोरोना से निपटने में अव्वल रहे इस दृष्टि से काम हुए। मोटे तौर पर देखे तो चिकित्सा क्षेत्र में जो संसाधन पूरे प्रदेश में ही नहीं थे। उन संसाधनों को स्थापित करना बड़ी बात होती हैं। कई क्षेत्रों में तभी राजस्थान टॉप पर रहा हैं। राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां तीसरी लहर से निपटने के लिए सीएचसी-पीएचसी स्तर तक ऑक्सीजन व आईसीयू तक की व्यवस्था की जा रही हैं।

दबंग और परिपक्व राजनेता

कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व भी डॉ. रघु शर्मा की कार्यशैली से काफी प्रभावित है। डॉ. शर्मा की एक ओर खूबी यह भी है कि वे किसी काम को करने से पहले उसका होमवर्क जरूर करते हैं। उनका मैनेजमेंट परफेक्ट होता है। उनमें बेहतरीन तरीके से नेतृत्व करने और शासन को सही तरीक से चलाने की क्षमता है। यही कारण है कि डॉ. रघु शर्मा को दंबग के साथ-साथ एक कुशल व परिपक्व राजनेता के रूप में भी जाना जाता है।

Shakti Pratap Singh Rathore and Raghu Sharma Ji
Shakti Pratap Singh Rathore and Raghu Sharma Ji

स्कूली जीवन से ही राजनीति

अजमेर जिले के सावर गांव निवासी शिक्षक स्व. शिव स्वरूप शर्मा के घर में जन्मे रघु शर्मा की स्कूल टाइम से ही राजनीति में रुचि थी। वे सर्वप्रथम 1974-75 में सावर केे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्र संसद में प्रधानमंत्री चुने गए। स्कूल से शुरू हुआ यह सफर रुका नहीं। कॉलेज शिक्षा के लिए जयपुर आए तो यहां 1978-79 में महाराजा कॉलेज के अध्यक्ष बन गए। 1980-81 में राजस्थान विवि में छात्र सीनेटर चुने गए तथा उसके बाद 1981 से 1987 तक राजस्थान विश्वविद्यालय अपेक्स छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव उस जमाने में कोई आसान नहीं था।


Sagar Sharma Ji and Raghu Sharma Ji

यूं आए मुख्यधारा में

छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए ही वे1983 में राजनीति की मुख्यधारा में आ गए। उन्होंने युवक कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। उसके बाद 1985 से 1988 तक युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा 1988 से 1995 तक युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे। डॉ. रघु शर्मा को कांग्रेस ने सर्वप्रथम 1990 में अजमेर जिले की भिनाय विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया। 1993 में भिनाय से ही फिर भाग्य आजमाया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। पराजय को भी सहर्ष स्वीकार किया तथा कांग्रेस संगठन में काम करते रहे। 1999 में जयपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लडऩे का भी मौका मिला, लेकिन भाजपा के अभेद्य गढ़ को तोड़ विजय श्री हासिल नहीं कर सके, क्योंकि उनके सामने चुनाव मैदान में भाजपा से स्व. गिरधारी लाल भार्गव प्रत्याशी थे, जिन्हें जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह तक पराजित नहीं कर पाए।



संक्रमण काल में भी विचलित नहीं हुए

राजनीतिक जीवन के इस संक्रमण काल में भी वे विचलित नहीं हुए। उन्होंने इस अवधि में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री और प्रवक्ता के रूप में काम किया और संगठन स्तर पर अपनी भूमिका को सिद्ध करके दिखाया। 2005 में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए। इस बीच 2008 में सुनहरा कार्यकाल आया। अजमेर जिले की केकड़ी सीट से वे विधायक चुन लिए गए। इस कार्यकाल में उन्हें सरकारी मुख्य सचेतक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पद पर रहते हुए उन्होंने प्रतिपक्ष से जमकर लोहा लिया।

समय ने ली करवट

2018 में समय ने फिर नई करवट ली और अजमेर की जनता ने उन्हें फिर सिर-आंखों पर बैठा अजमेर लोकसभा उपचुनाव में सांसद बना दिल्ली भेजा। लोकसभा उपचुनाव में 80 हजार से भी अधिक मतों से जीते। उसके बाद विधानसभा चुनाव में डॉ. रघु शर्मा अजमेर जिले में सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले विधायक बने। उन्होंने इस चुनाव में 19135 मतों से जीत दर्ज की।

सपना जो सच हुआ

डॉ. रघु शर्मा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनना भी उनका सपना था। ये सपना भी आखिर सच हुआ। वाकया उस समय का है जब वे युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे तो एनएसयूआई (NSUI) प्रदेशाध्यक्ष जुबेर खान के साथ एनएसयूआई (NSUI) के जिला सम्मेलन में भाग लेने बीकानेर गए थे तो वहां अचानक अस्वस्थ हो गए। उन्हें स्थानीय कार्यकर्ता तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था को देख नाराजगी प्रकट करते हुए उस समय डॉ. रघु शर्मा ने कहा था कि वे एक दिन चिकित्सा मंत्री बन इस व्यवस्था को सुधारेंगे। आखिर उनका ये सपना साकार हो गया। मंत्री बनने से भी बड़ा उनका सपना संगठन की बागडोर संभालने का हैं यानी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन संगठन को नेतृत्व प्रदान करने का।

परिवार का भी पूरा साथ, सागर भी बने लोगों के सुख-दु:ख भागीदार

बीएससी, एलएलबी, एमबीए तथा डाक्टरेट आदि उच्च शिक्षा प्राप्त डॉ. रघु शर्मा की धर्मपत्नी वीरा शर्मा बैंक अधिकारी रही हैं, जबकि उनके एक सुपुत्र सागर जी और एक सुपुत्री स्वाति जी भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने कर्मक्षेत्र में कार्यरत हैं। सागर जी में नेतृत्व क्षमता है जो तेजी से राजनीतिक क्षितिज पर अपनी चमक के प्रकाश से गौरवान्वित कर रहा है। सागर जी पिता डॉ. रघु शर्मा के साथ केकड़ी विधानसभा क्षेत्र को संभाले हुए हैं। केकड़ी के लोगों के हर सुख-दु:ख में सागर खड़े दिखाई देते हैंं। सागर भैया ने अपने आपको केकड़ी के लिए समर्पित कर दिया हैं।


केकड़ी के विकास पुरुष

डॉ. रघु शर्मा के बारे में कहा जाता है कि एक बार जिस काम को करने की उन्होंने ठान ली, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। किसी भी कार्य में पीछे नहीं हटना, उनकी फितरत में रहा है। केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में कराए गए विकास कार्य इसका जीता जागता सबूत है। इस कार्यकाल में भी कई ऐतिहासिक सौगात केकड़ी को दी उसमें केकड़ी अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा और सुविधाएं, होम्योपैथी कॉलेज, चालीस करोड़ की लागत से तैयार हो रहा ऐसा नर्सिंग कॉलेज जिसमें बीएससी नर्सिंग से पैरामेडिकल तक सभी प्रकार की पढ़ाई होगी।

इसके अलावा केकड़ी बाईपास, नसीराबाद-देवली मार्ग सहित अनेकों कार्य है जो चिकित्सा मंत्री की उपलब्धयों में गिनाएं जा सकते हैं। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में भी केकड़ी में राज्य का पहला ई-लर्निंग इंस्टीट्यूट, डीटीओ ऑफिस, एडिशनल एसपी ऑफिस, नया चिकित्सालय भवन, सावर, टांटोटी में तहसील की स्थापना व कई विभागों में एक्सईएन की पोस्ट लेकर आना जैसे कार्य प्रमुख है। राजनीति अपनी जगह पर यहां के लोग कहते है कि विकास पुरुष तो है ही डॉ. रघु शर्मा केकड़ी के लिए।


26 जुलाई को माननीय रघु शर्मा जी के जन्मदिन पर सभी को संदेश:


साथियों आने वाल कल परिकल्पनाओं व संभावनाओं को जन्म देता है, और बीता हुआ कल ऐतिहासिक यादगार और विरासत बनता है, विगत डेढ वर्ष के दौरान हमने कोविड कि प्रथम, द्वितीय लहर देखी, जिसके दौरान हमने जीवन कि सत्यता तथा हमारे प्रोफेशन में आने वाली कठिनाइयों को नजदीक से देखा, जिनमे मुख्य रूप से ,टेस्ट लैब्स कि कमी, लॉजिस्टिक, ह्यूमन रिसोर्स, ऑक्सिजन कि कमी , ड्रग्स कि कमी इत्यादि, लेकिन परमादरणीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व व राज्य के लोकप्रिय और ऊर्जावान चिकित्सा मंत्री माननीय डॉ रघु शर्मा जी के लगातार अपने जीवन कि परवाह किये बिना 24×7 काम करते हुये अपने आशीर्वचनों से चिकित्सा परिवार के साथियों का मार्गदर्शन किया, उसी के कारण हम राज्य में कोरोना को हरा पाये।


आने वाली संभावित तीसरी लहर के लिए भी हमने पिछले 2 लहरों से सिखने के बाद माननीय मंत्री मोहदय के मार्गदर्शन में तैयारियां शुरू कर दी है, अगर लहर आती भी है तो उस पर भी हम सब के सहयोग से विजय प्राप्त कर लेंगे।


आदरणीय मंत्री डॉ रघु शर्मा जी ने चिकित्सा मंत्री होने के नाते, हर सदस्यों का ध्यान रखा है जिनमे नर्सिंग का पदनाम परिवर्तन का मामला हो, फार्मासिस्ट का कैडर हो, रेजिडेंट कि मांग हो ,डॉक्टरों का केडर निर्माण का काम हो, सब पर उदार दिल रखते हुए,सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़कर काम किया जिसका परिणाम आप सब के सामने है।


ऐसे में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं सर्व समाज के सभी लोगों कि ये जिम्मेदारी बनती हैं कि हम भी 26 जुलाई, चिकित्सा मंत्री जी के जन्म दिन को अपने अपने क्षेत्र में इस प्रकार मनाये कि यह दिन यादगार बन जाए, एवं सभी जाने रघु शर्मा जी के जज़्बे को सलाम करते हुए, उनके जन्मदिन पर उनकी दीर्घायु होने की कामना करें।

आओ हम सब मिलकर इस पल को ऐतिहासिक यादगार बनाये।


जय रघुनंदन जय श्री राम। जय हिंद जय भारत।


-शक्ति प्रताप सिंह राठौड़ पीपरोली



bottom of page